Isaiah - यशायाह 37 | View All

1. जब हिजकिरयाह राजा ने यह सुना, तब वह अपने वस्त्रा फाड़ और टाट ओढ़कर यहोवा के भवन में गया।

1. AND WHEN King Hezekiah heard it, he rent his clothes and covered himself with sackcloth and went into the house of the Lord. [II Kings 19:1-13.]

2. और उस ने एल्याकीम को जो राजघराने के काम पर नियुक्त था और शेब्ना मन्त्री को और याजकों के पुरनियों को जो सब टाट ओढ़े हुए थे, आमोस के पुत्रा यशायाह नबी के पास भेज दिया।

2. And he sent Eliakim, who was over the [royal] household, and Shebna the secretary, and the older priests, clothed with sackcloth, to Isaiah the prophet, the son of Amoz.

3. उन्हों ने उस से कहा, हिजकिरयाह यों कहता है कि आज का दिन संकट और उलहने और निन्दा का दिन है, बच्चे जन्मने पर हुए पर जच्चा को जनने का बल न रहा।

3. And they said to him, Thus says Hezekiah: This day is a day of trouble and distress and of rebuke and of disgrace; for children have come to the birth, and there is no strength to bring them forth.

4. सम्भव है कि तेरे परमेश्वर यहोवा ने रबशाके की बातें सुनी जिसे उसके स्वामी अश्शूर के राजा ने जीवते परमेश्वर की निन्दा करने को भेजा है, और जा बातें तेरे परमेश्वर यहोवा ने सुनी हैं उन्हें दपटे; सो तू इन बचे हुओं के लिये जो रह गए हैं, प्रार्थना कर।।

4. It may be that the Lord your God will hear the words of the Rabshakeh, whom the king of Assyria, his master, has sent to mock, reproach, insult, and defy the living God, and will rebuke the words which the Lord your God has heard. Therefore lift up your prayer for the remnant [of His people] that is left.

5. जब हिजकिरयाह राजा के कर्मचारी यशायाह के पास आए।

5. So the servants of King Hezekiah came to Isaiah.

6. तब यशायाह ने उन से कहा, अपने स्वामी से कहो, यहोवा यों कहता है कि जो वचन तू ने सुने हैं जिनके द्वारा अश्शूर के राजा के जनों में मेरी निन्दा की है, उनके कारण मत डर।

6. And Isaiah said to them, You shall say to your master, Thus says the Lord: Do not be afraid because of the words which you have heard, with which the servants of the king of Assyria have reviled and blasphemed Me.

7. सुन, मैं उसके मन में प्रेरणा करूंगा जिस से वह कुछ समचार सुनकर अपने देश को लौट जाए; और मैं उसको उसी देश में तलवार से मरवा डालूंगा।।

7. Behold, I will put a spirit in him so that he will hear a rumor and return to his own land, and I will cause him to fall by the sword in his own land.

8. तब रबशाके ने लौटकर अश्शूर के राजा को लिब्ना नगर से युद्ध करते पाया; क्योंकि उस ने सुना था कि वह लाकीश के पास से उठ गया है।

8. So the Rabshakeh returned and found the king of Assyria fighting against Libnah [a fortified city of Judah]; for he had heard that the king had departed from Lachish.

9. उस ने कूश के राजा तिर्हाका के विषय यह सुना कि वह उस से लड़ने को निकला है। तब उस ने हिजकिरयाह के पास दूतों को यह कहकर भेजा।

9. And [Sennacherib king of Assyria] heard concerning Tirhakah king of Ethiopia, He has come forth to make war with you. And when he heard it, he sent messengers to Hezekiah, saying,

10. कि तुम यहूदा के राजा हिजकिरयाह से यों कहना, तेरा परमेश्वर जिस पर तू भरोसा करता है, यह कहकर तुझे धोखा न देने पाए कि यरूशलेम अश्शूर के राजा के वश में न पड़ेगा।

10. Thus shall you speak to Hezekiah king of Judah: Let not your God in Whom you trust deceive you by saying, Jerusalem shall not be given into the hand of the king of Assyria.

11. देख, तू ने सुना है कि अश्शूर के राजाओं ने सब देशों से कैसा व्यवहार किया कि उन्हें सत्यानाश ही कर दिया।

11. Behold, you have heard what the kings of Assyria have done to all lands, destroying them utterly. And shall you be delivered?

12. फिर क्या तू बच जाएगा? गोज़ान और हारान और रेसेप में रहनेवाली जिन जातियों को और तलस्सार में रहनेवाले एदेनी लोगों को मेरे पुरखाओं ने नाश किया, क्या उनके देवताओं ने उन्हें बचा लिया?

12. Have the gods of the nations delivered those whom my predecessors have destroyed, as Gozan, Haran [of Mesopotamia], Rezeph, and the children of Eden who were in Telassar?

13. हमात का राजा, अर्पाद का राजा, सपर्वैम नगर का राजा, और हेना और इव्वा के राजा, ये सब कहां गए?

13. Where is the king of Hamath, and the king of Arpad [of northern Syria], and the king of the city of Sepharvaim, the king of Hena, or the king of Ivvah?

14. इस पत्री को हिजकिरयाह ने दूतों के हाथ से लेकर पढ़ा; तब उस ने यहोवा के भवन में जाकर उस पत्री को यहोवा के साम्हने फैला दिया।

14. And Hezekiah received the letter from the hand of the messengers and read it. And Hezekiah went up to the house of the Lord and spread it before the Lord. [II Kings 19:14-19.]

15. और यहोवा से यह प्रार्थना की,

15. And Hezekiah prayed to the Lord:

16. हे सेनाओं के यहोवा, हे करूबों पर विराजमान इस्राएल के परमेश्वर, पृथ्वी के सब राज्यों के ऊपर केवल तू ही परमेश्वर है; आकाश और पृथ्वी को तू ही ने बनाया है।

16. O Lord of hosts, God of Israel, Who [in symbol] are enthroned above the cherubim [of the ark in the temple], You are the God, You alone, of all the kingdoms of the earth. You have made heaven and earth.

17. हे यहोवा, कान लगाकर सुन; यहोवा आंख खोलकर देख; और सन्हेरीब के सब वचनों को सुन ले, जिस ने जीवते परमेश्वर की निन्दा करने को लिख भेजा है।

17. Incline Your ear, O Lord, and hear; open Your eyes, O Lord, and see; and hear all the words of Sennacherib which he has sent to mock, reproach, insult, and defy the living God.

18. हे यहोवा, सच तो है कि अश्शूर के राजाओं ने सब जातियों के देशों को उजाड़ा है

18. It is true, Lord, that the kings of Assyria have laid waste all the nations and their lands

19. और उनके देवताओं को आग में झोंका है; क्योंकि वे ईश्वर न थे, वे केवल मनुष्यों की कारीगरी, काठ और पत्थर ही थे; इस कारण वे उनको नाश कर सके।
गलातियों 4:8

19. And have cast the gods of those peoples into the fire, for they were not gods but the work of men's hands, wood and stone. Therefore they have destroyed them.

20. अब हे हमारे परमेश्वर यहोवा, तू हमें उसके हाथ से बचा जिस से पृथ्वी के राज्य राज्य के लोग जान लें कि केवल तू ही यहोवा है।।

20. Now therefore, O Lord our God, save us from his hand, that all the kingdoms of the earth may know (understand and realize) that You are the Lord, even You only.

21. तब आमोस के पुत्रा यशायाह ने हिजकिरयाह के पास यह कहला भेजा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, तू ने जो अश्शूर के राजा सन्हेरीब के विषय में मुझ से प्रार्थना की है,

21. Then Isaiah son of Amoz sent to Hezekiah, saying, Thus says the Lord, the God of Israel: Because you have prayed to Me against Sennacherib king of Assyria, [II Kings 19:20-37; II Chron. 32:20-21.]

22. उसके विषय यहोवा ने यह वचन कहा है, सिरयोन की कुमारी कन्या तुझे तुच्छ जानती है और ठट्ठों में उड़ाती है; यरूशलेम की पुत्री तुझ पर सिर हिलाती है।।

22. This is the word which the Lord has spoken concerning him: The Virgin Daughter of Zion has despised you and laughed you to scorn; the Daughter of Jerusalem has shaken her head behind you.

23. तू ने किस की नामधराई और निन्दा की है? और तू जो बड़ा बोल बोला और घमण्ड किया है, वह किस के विरूद्ध किया है? इस्राएल के पवित्रा के विरूद्ध!

23. Whom have you mocked and reviled [insulted and blasphemed]? And against Whom have you raised your voice and haughtily lifted your eyes? Against the Holy One of Israel!

24. अपने कर्मचारियों के द्वारा तू ने प्रभु की निन्दा करके कहा है कि बहुत से रथ लेकर मैं पर्वतों की चोटियों पर वरन लबानोन के बीच तक चढ़ आया हूं; मैं उसके ऊंचे ऊंचे देवदारों और अच्छे अच्छे सनौबरों को काट डालूंगा और उसके दूर दूर के ऊंचे स्थानों में और उसके वन की फलदाई बारियों में प्रवेश करूंगा।

24. By your servants you have mocked, reproached, insulted, and defied the Lord, and you have said, With my many chariots I have gone up to the height of the mountains, to the inner recesses of Lebanon. I cut down its tallest cedars and its choicest cypress trees; I came to its remotest height, its most luxuriant and dense forest;

25. मैं ने खुदवाकर पानी पिया और मि की नहरों में पांव धरते ही उन्हें सुखा दिया।

25. I dug wells and drank foreign waters, and with the sole of my feet I have dried up all the rivers [the Nile streams] of Egypt.

26. क्या तू ने नहीं सुना कि प्राचीनकाल से मैं ने यही ठाना और पूर्वकाल से इसकी तैयारी की थी? इसलिये अब मैं ने यह पूरा भी किया है कि तू गढ़वाले नगरों को खण्डहर की खण्डहर कर दे।

26. [But, says the God of Israel] have you not heard that I purposed to do it long ago, that I planned it in ancient times? Now I have brought it to pass, that you [king of Assyria] should [be My instrument to] lay waste fortified cities, making them ruinous heaps.

27. इसी कारण उनके रहनेवालों का बल घट गया और वे विस्मित और लज्जित हुए: वे मैदान के छोटे छोटे पेड़ों और हरी घास और छत पर की घास और ऐसे अनाज के समान हो गए जो बढ़ने से पहिले ही सूख जाता है।।

27. Therefore their inhabitants had little power, they were dismayed and confounded; they were like the grass of the field and like the green herb, like the grass on the housetops and like a field of grain blasted before it is grown or is in stalk.

28. मैं तो तेरा बैठना, कूच करना और लौट आना जानता हूं; और यह भी कि तू मुझ पर अपना क्रोध भड़काता है।

28. But I [the Lord] know your sitting down and your going out and your coming in and your raging against Me.

29. इस कारण कि तू मुझ पर अपना क्रोध भड़काता और तेरे अभिमान की बातें मेरे कानों में पड़ी हैं, मैं तेरी नाक में नकेल डालकर और तेरे मुंह में अपनी लगाम लगाकर जिस मार्ग से तू आया है उसी मार्ग से तुझे लौटा दूंगा।।

29. Because your raging against Me and your arrogance and careless ease have come to My ears, therefore will I put My hook in your nose and My bridle in your lips, and I will turn you back by the way you came.

30. और तेरे लिये यह चिन्ह होगा कि इस वर्ष तो तुम उसे खाओगे जो आप से आप उगे, और दूसरे वर्ष वह जो उस से उत्पन्न हो, और तीसरे वर्ष बीज बोकर उसे लवने पाओगे और दाख की बारियां लगाने और उनका फल खाने पाओगे।

30. And [now, Hezekiah, says the Lord] this shall be the sign [of these things] to you: you shall eat this year what grows of itself, and in the second year that which springs from the same. And in the third year sow and reap, and plant vineyards and eat the fruit of them.

31. और यहूदा के घराने के बचे हुए लोग फिर जड़ पकड़ेंगे और फूलें- फलेंगे;

31. And the remnant that has survived of the house of Judah shall again take root downward and bear fruit upward.

32. क्योंकि यरूशलेम से बचे हुए और सिरयोन पर्वत से भागे हुए लोग निकलेंगे। सेनाओं का यहोवा अपनी जलन के कारण यह काम करेगा।।

32. For out of Jerusalem will go forth a remnant, and a band that survives out of Mount Zion. The zeal of the Lord of hosts will perform this.

33. इसलिये यहोवा यश्शूर के राजा कि विषय यों कहता है कि वह इस नगर में प्रवेश करने, वरन इस पर एक तीर भी मारने न पाएगा; और न वह ढाल लेकर इसके साम्हने आने वा इसके विरूद्ध दमदमा बान्धने पाएगा।

33. Therefore thus says the Lord concerning the king of Assyria: He shall not come into this city or shoot an arrow here or come before it with shield or cast up a siege mound against it.

34. जिस मार्ग से वह आया है उसी से वह लौट भी जाएगा और इस नगर में प्रवेश न करने पाएगा, यहोवा की यही वाणी है।

34. By the way that he came, by the same way he shall return, and he shall not come into this city, says the Lord.

35. क्योंकि मैं अपने निमित्त और अपने दास दाऊद के निमित्त, इस नगर की रक्षा करके उसे बचाऊंगा।।

35. For I will defend this city to save it, for My own sake and for the sake of My servant David.

36. ब यहोवा के दूत ने निकलकर अश्शूरियों की छावनी में एक लाख पचासी हजार पुरूषों को मारा; और भोर को जब लोग सवेरे उठे तब क्या देखा कि लोथ ही लोथ पड़ी हैं।

36. And the Angel of the Lord went forth, and slew 185,000 in the camp of the Assyrians; and when [the living] arose early in the morning, behold, all these were dead bodies. [II Kings 19:35.]

37. तब अश्शूर का राजा सन्हेरीब चल दिया और लौटकर नीनवे में रहने लगा।

37. So Sennacherib king of Assyria departed and returned and dwelt at Nineveh.

38. वहां वह अपने देवता निद्दॊक के मन्दिर में दण्डवत् कर रहा था कि इतने में उसके पुत्रा अद्रम्मेलेक और शरेसेन ने उसको तलवार से मारा और अरारात देश में भाग गए। और उसका पुत्रा एसर्हद्दॊन उसके स्थान पर राज्य करने लगा।।

38. And as he was worshiping in the house of Nisroch his god, Adrammelech and Sharezer his sons killed him with the sword, and they escaped into the land of Armenia or Ararat. And Esarhaddon his son reigned in his stead.



Shortcut Links
यशायाह - Isaiah : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |