Exodus - निर्गमन 32 | View All

1. जब लोगों ने देखा कि मूसा को पर्वत से उतरने में विलम्ब हो रहा है, तब वे हारून के पास इकट्ठे होकर कहने लगे, अब हमारे लिये देवता बना, जो हमारे आगे आगे चले; क्योंकि उस पुरूष मूसा को जो हमें मि देश से निकाल ले आया है, हम नहीं जानते कि उसे क्या हुआ?
प्रेरितों के काम 7:40

1. And when the people saw that it was long or Moses came down out of the mountain, they gathered them selves together and came unto Aaron and said unto him: Up and make us a god to go before us: for of this Moses the fellow that brought us out of the land of Egypt, we wot not what is become.

2. हारून ने उन से कहा, तुम्हारी स्त्रियों और बेटे बेटियों के कानों में सोने की जो बालियां है उन्हें तोड़कर उतारो, और मेरे पास ले आओ।

2. And Aaron said unto them: pluck off the golden earings which are in the ears of your wives, your sons and of your daughters: and bring them unto me.

3. तब सब लोगों ने उनके कानों से सोने की बालियों को तोड़कर उतारा, और हारून के पास ले आए।

3. And all the people plucked off the golden earings that were in their ears, and brought them unto Aaron.

4. और हारून ने उन्हें उनके हाथ से लिया, और एक बछड़ा ढालकर बनाया, और टांकी से गढ़ा; तब वे कहने लगे, कि हे इस्त्राएल तेरा परमेश्वर जो तुझे मि देश से छुड़ा लाया है वह यही है।
प्रेरितों के काम 7:41

4. And he received them of their hands and fashioned it with a graver and made it a calf of molten metal. And they said: This is thy God, O Israel, which brought thee out of the land of Egypt.

5. यह देखके हारून ने उसके आगे एक वेदी बनवाई; और यह प्रचार किया, कि कल यहोवा के लिये पर्ब्ब होगा।

5. And when Aaron saw that, he made an altar before it, and made a proclamation saying tomorrow shall be holy day unto the LORD.

6. और दूसरे दिन लोगों ने तड़के उठकर होमबलि चढ़ाए, और मेलबलि ले आए; फिर बैठकर खाया पिया, और उठकर खेलने लगे।।
2 कुरिन्थियों 10:7, प्रेरितों के काम 7:41

6. And they rose up in the morning and offered burnt offerings, and brought offerings of atonement also. And then they sat them down to eat and drink, and rose up again to play.

7. तब यहोवा ने मूसा से कहा, नीचे उतर जा, क्योंकि तेरी प्रजा के लोग, जिन्हें तू मि देश से निकाल ले आया है, सो बिगड़ गए हैं;

7. Then the LORD said unto Moses: go get thee down, for thy people which thou broughtest out of the land of Egypt,

8. और जिस मार्ग पर चलने की आज्ञा मैं ने उनको दी थी उसको झटपट छोड़कर उन्हों ने एक बछड़ा ढालकर बना लिया, फिर उसको दण्डवत् किया, और उसके लिये बलिदान भी चढ़ाया, और यह कहा है, कि हे इस्त्राएलियों तुम्हारा परमेश्वर जो तुम्हें मि देश से छुड़ा ले आया है वह यही है।

8. have marred all they are turned at once out of the way which I commanded them, and have made them a calf of molten metal, and have worshipped it and have offered thereto and have said: This is thy God thou Israel, which hath brought thee out of the land of Egypt.

9. फिर यहोवा ने मूसा से कहा, मैं ने इन लोगों को देखा, और सुन, वे हठीले हैं।
प्रेरितों के काम 7:51

9. And the LORD said unto Moses: behold, I see this people, that it is a stiffnecked people,

10. अब मुझे मत रोक, मेरा कोप उन पर भड़क उठा है जिस से मैं उन्हें भस्म करूं; परन्तु तुझ से एक बड़ी जाति उपजाऊंगा।

10. and now therefore suffer me that my wrath may wax hot upon them, and that I may consume them: and then will I make of thee a mighty people.

11. तब मूसा अपने परमेश्वर यहोवा को यह कहके मनाने लगा, कि हे यहोवा, तेरा कोप अपनी प्रजा पर क्यों भड़का है, जिसे तू बड़े सामर्थ्य और बलवन्त हाथ के द्वारा मि देश से निकाल लाया है?

11. Then Moses besought the LORD his God and said: O LORD, why should thy wrath wax hot upon thy people which thou hast brought out of the land of Egypt with great power and with a mighty hand?

12. मिद्दी लोग यह क्यों कहने पाए, कि वह उनको बुरे अभिप्राय से, अर्थात् पहाड़ों में घात करके धरती पर से मिटा डालने की मनसा से निकाल ले गया? तू अपने भड़के हुए कोप को शांत कर, और अपनी प्रजा को ऐसी हानि पहुचाने से फिर जा।

12. wherefore should the Egyptians speak and say: For a mischief did he bring them out: even for to slay them in the mountains, and to consume them from the face of the earth. Turn from thy fierce wrath, and have compassion over the wickedness of thy people.

13. अपने दास इब्राहीम, इसहाक, और याकूब को स्मरण कर, जिन से तू ने अपनी ही किरिया खाकर यह कहा था, कि मै तुम्हारे वंश को आकाश के तारों के तुल्य बहुत करूंगा, और यह सारा देश जिसकी मैं ने चर्चा की है तुम्हारे वंश को दूंगा, कि वह उसके अधिकारी सदैव बने रहें।
इब्रानियों 11:12

13. Remember Abraham, Isaac and Israel thy servants, to whom thou sworest by thine own self and saidest unto them: I will multiply your seed as the stars of heaven, and all this land which I have said, I will give unto your seed: and they shall inherit it for ever.

14. तब यहोवा अपनी प्रजा की हानि करने से जो उन ने कहा था पछताया।।

14. And the LORD refrained himself from that evil, which he said he would do unto his people.

15. तब मूसा फिरकर साक्षी की दानों तख्तियों को हाथ में लिये हुए पहाड़ से उतर गया, उन तख्तियों के तो इधर और उधर दोनों अलंगों पर कुछ लिखा हुआ था।

15. And Moses turned his back and went down from the hill, and the two tables of witness in his hand: which were written on both the leaves

16. और वे तख्तियां परमेश्वर की बनाई हुई थीं, और उन पर जो खोदकर लिखा हुआ था वह परमेश्वर का लिखा हुआ था।।

16. and were the work of God, and the writing was the writing of God graven upon the tables.

17. जब यहोशू को लोगों के कोलाहल का शब्द सुनाई पड़ा, तब उस ने मूसा से कहा, छावनी से लड़ाई का सा शब्द सुनाई देता है।

17. And when Josua heard the noise of the people as they shouted, he said unto Moses: there is a noise of war in the host.

18. उस ने कहा, वह जो शब्द है वह न तो जीतनेवालों का है, और न हारनेवालों का, मुझे तो गाने का शब्द सुन पड़ता है।

18. And he said: it is not the cry of them that have the mastery, nor of them that have the worse: but I do hear the noise of singing.

19. छावनी के पास आते ही मूसा को वह बछड़ा और नाचना देख पड़ा, तब मूसा का कोप भड़क उठा, और उस ने तख्तियों को अपने हाथों से पर्वत के नीचे पटककर तोड़ डाला।

19. And as soon as he came nigh unto the host and saw the calf and the dancing, his wrath waxed hot, and he cast the tables out of his hand, and brake them even at the hill foot.

20. तब उस ने उनके बनाए हुए बछड़े को लेकर आग में डालके फूंक दिया। और पीसकर चूर चूर कर डाला, और जल के ऊपर फेंक दिया, और इस्त्राएलियों को उसे पिलवा दिया।

20. And the took the calf which they had made and burned it with fire, and stamped it unto powder and strowed it in the water, and made the children of Israel drink.

21. तब मूसा हारून से कहने लगा, उन लोगों ने तुझ से क्या किया कि तू ने उनको इतने बड़े पाप में फंसाया?

21. And then Moses said unto Aaron: what did this people unto thee that thou hast brought so great a sin upon them?

22. हारून ने उत्तर दिया, मेरे प्रभु का कोप न भड़के; तू तो उन लोगों को जानता ही है कि वे बुराई में मन लगाए रहते हैं।

22. And Aaron said: let not the wrath of my Lord(Lorde) wax fierce, thou knowest the people that they are even set on mischief:

23. और उन्हों ने मुझ से कहा, कि हमारे लिये देवता बनवा जो हमारे आगे आगे चले; क्योंकि उस पुरूष मूसा को, जो हमें मि देश से छुड़ा लाया है, हम नहीं जानते कि उसे क्या हुआ?
प्रेरितों के काम 7:40

23. they said unto me: make us a god to go before us, for we wot not what is become of Moses the fellow that brought us out of the land of Egypt.

24. तब मैं ने उन से कहा, जिस जिसके पास सोने के गहनें हों, वे उनको तोड़कर उतार लाएं; और जब उन्हों ने मुझ को दिया, मैं ने उन्हें आग में डाल दिया, तब यह बछड़ा निकल पड़ा

24. And I said unto them: let them that have gold, take and bring it me: and I cast it into the fire, and thereof came out this calf.

25. हारून ने उन लोगों को ऐसा निरंकुश कर दिया था कि वे अपने विरोधियों के बीच उपहास के योग्य हुए,

25. When Moses saw that the people were naked (for Aaron had made them naked unto their shame when they made insurrection)

26. उनको निरंकुश देखकर मूसा ने छावनी के निकास पर खड़े होकर कहा, जो कोई यहोवा की ओर का हो वह मेरे पास आए; तब सारे लेवीय उस के पास इकट्ठे हुए।

26. he went and stood in the gate of the host and said: If any man pertain unto the LORD, let him come to me. And all the sons of Levi gathered them selves together and came unto him.

27. उस ने उन से कहा, इस्त्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि अपनी अपनी जांघ पर तलवार लटका कर छावनी से एक निकास से दूसरे निकास तक घूम घूमकर अपने अपने भाइयों, संगियों, और पड़ोसियों को घात करो।

27. And he said unto them, thus sayeth the LORD of Israel: put every man his sword by his side, and go in and out from gate to gate thorowout the host: and slay every man his brother, every man his friend and every man his neighbour.

28. मूसा के इस वचन के अनुसार लेवियों ने किया और उस दिन तीन हजार के अटकल लोग मारे गए।

28. And the children of Levi did as Moses had said. And there were slain of the people the same day, about three thousand men.

29. फिर मूसा ने कहा, आज के दिन यहोवा के लिये अपना याजकपद का संस्कार करो, वरन अपने अपने बेटों और भाइयों के भी विरूद्ध होकर ऐसा करो जिस से वह आज तुम को आशीष दे।

29. Then Moses said: fill your hands unto the LORD this day, every man upon his son and upon his brother: to bring upon you a blessing this day.

30. दूसरे दिन मूसा ने लोगों से कहा, तुम ने बड़ा ही पाप किया है। अब मैं यहोवा के पास चढ़ जाऊंगा; सम्भव है कि मैं तुम्हारे पाप का प्रायश्चित्त कर सकूं।

30. And on the morrow, Moses said unto the people: Ye have sinned a great sin. But now I will go up unto the LORD, to wit whether I can make an atonement for your sin.

31. तब मूसा यहोवा के पास जाकर कहने लगा, कि हाय, हाय, उन लोगों ने सोने का देवता बनवाकर बड़ा ही पाप किया है।

31. And Moses went again unto the LORD and said: Oh, this people have sinned a great sin and have made them a god of gold:

32. तौभी अब तू उनका पाप क्षमा कर नहीं तो अपनी लिखी हुई पुस्तक में से मेरे नाम को काट दे।
लूका 10:20, रोमियों 9:3

32. Yet forgive them their sin I pray thee: If not wipe me out of thy book which thou hast written.

33. यहोवा ने मूसा से कहा, जिस ने मेरे विरूद्ध पाप किया है उसी का नाम मैं अपनी पुस्तक में से काट दूंगा।
फिलिप्पियों 4:3, प्रकाशितवाक्य 3:5, प्रकाशितवाक्य 13:8, प्रकाशितवाक्य 17:8, प्रकाशितवाक्य 20:12-15

33. And the LORD said unto Moses: I will put him out of my book that hath sinned against me.

34. अब तो तू जाकर उन लोगों को उस स्थान में ले चल जिसकी चर्चा मैं ने तुझ से की थी; देख मेरा दूत तेरे आगे आगे चलेगा। परन्तु जिस दिन मैं दण्ड देने लगूंगा उस दिन उनको इस पाप का भी दण्ड दूंगा।

34. But go and bring the people unto the land which I said unto thee: behold, mine angel shall go before thee. Neverthelater in the day when I visit, I will visit their sin upon them.

35. और यहोवा ने उन लोगों पर विपत्ति डाली, क्योंकि हारून के बनाए हुए बछड़े को उन्हीं ने बनवाया था।

35. And the LORD plagued the people, because they made the calf which Aaron made.



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