Exodus - निर्गमन 22 | View All

1. यदि कोई मनुष्य बैल, वा भेड़, वा बकरी चुराकर उसका घात करे वा बेच डाले, तो वह बैल की सन्ती पाँच बैल, और भेड़- बकरी की सन्ती चार भेड़- बकरी भर दे।
लूका 19:8

1. 'If a man steals an ox or a sheep, and kills it or sells it, he shall pay five oxen for an ox, and four sheep for a sheep. He shall make restitution; if he has nothing, then he shall be sold for his theft.

2. यदि चोर सेंध लगाते हुए पकड़ा जाए, और उस पर ऐसी मार पड़े कि वह मर जाए, तो उसके खून का दोष न लगे;

2. 'If a thief is found breaking in, and is struck so that he dies, there shall be no bloodguilt for him;

3. यदि सूर्य निकल चुके, तो उसके खून का दोष लगे; अवश्य है कि वह हानि को भर दे, और यदि उसके पास कुछ न हो, तो वह चोरी के कारण बेच दिया जाए।

3. but if the sun has risen upon him, there shall be bloodguilt for him.

4. यदि चुराया हुआ बैल, वा गदहा, वा भेड़ वा बकरी उसके हाथ में जीवित पाई जाए, तो वह उसका दूना भर दे।।

4. If the stolen beast is found alive in his possession, whether it is an ox or an ass or a sheep, he shall pay double.

5. यदि कोई अपने पशु से किसी का खेत वा दाख की बारी चराए, अर्थात् अपने पशु को ऐसा छोड़ दे कि वह पराए खेत को चर ले, तो वह अपने खेत की और अपनी दाख की बारी की उत्तम से उत्तम उपज में से उस हानि को भर दे।।

5. 'When a man causes a field or vineyard to be grazed over, or lets his beast loose and it feeds in another man's field, he shall make restitution from the best in his own field and in his own vineyard.

6. यदि कोई आग जलाए, और वह कांटों में लग जाए और फूलों के ढेर वा अनाज वा खड़ा खेत जल जाए, तो जिस ने आग जलाई हो वह हानि को निश्चय भर दे।।

6. 'When fire breaks out and catches in thorns so that the stacked grain or the standing grain or the field is consumed, he that kindled the fire shall make full restitution.

7. यदि कोई दूसरे को रूपए वा सामग्री की धरोहर धरे, और वह उसके घर से चुराई जाए, तो यदि चोर पकड़ा जाए, तो दूना उसी को भर देना पड़ेगा।

7. 'If a man delivers to his neighbor money or goods to keep, and it is stolen out of the man's house, then, if the thief is found, he shall pay double.

8. और यदि चोर न पकड़ा जाए, तो घर का स्वामी परमेश्वर के पास लाया जाए, कि निश्चय हो जाय कि उस ने अपने भाई बन्धु की सम्पत्ति पर हाथ लगाया है वा नहीं।

8. If the thief is not found, the owner of the house shall come near to God, to show whether or not he has put his hand to his neighbor's goods.

9. चाहे बैल, चाहे गदहे, चाहे भेड़ वा बकरी, चाहे वस्त्रा, चाहे किसी प्रकार की ऐसी खोई हुई वस्तु के विषय अपराध क्यों न लगाया जाय, जिसे दो जन अपनी अपनी कहते हों, तो दोनों का मुक मा परमेश्वर के पास आए; और जिसको परमेश्वर दोषी ठहराए वह दूसरे को दूना भर दे।।

9. 'For every breach of trust, whether it is for ox, for ass, for sheep, for clothing, or for any kind of lost thing, of which one says, `This is it,' the case of both parties shall come before God; he whom God shall condemn shall pay double to his neighbor.

10. यदि कोई दूसरे को गदहा वा बैल वा भेड़- बकरी वा कोई और पशु रखने के लिये सौपें, और किसी के बिना देखे वह मर जाए, वा चोट खाए, वा हांक दिया जाए,

10. 'If a man delivers to his neighbor an ass or an ox or a sheep or any beast to keep, and it dies or is hurt or is driven away, without any one seeing it,

11. तो उन दोनो के बीच यहोवा की शपथ खिलाई जाए कि मैं ने इसकी सम्पत्ति पर हाथ नहीं लगाया; तब सम्पत्ति का स्वामी इसको सच माने, और दूसरे को उसे कुछ भी भर देना न होगा।
इब्रानियों 6:16

11. an oath by the LORD shall be between them both to see whether he has not put his hand to his neighbor's property; and the owner shall accept the oath, and he shall not make restitution.

12. यदि वह सचमुच उसके यहां से चुराया गया हो, तो वह उसके स्वामी को उसे भर दे।

12. But if it is stolen from him, he shall make restitution to its owner.

13. और यदि वह फाड़ डाला गया हो, तो वह फाड़े हुए को प्रमाण के लिये ले आए, तब उसे उसको भी भर देना न पड़ेगा।।

13. If it is torn by beasts, let him bring it as evidence; he shall not make restitution for what has been torn.

14. फिर यदि कोई दूसरे से पशु मांग लाए, और उसके स्वामी के संग न रहते उसको चोट लगे वा वह मर जाए, तो वह निश्चय उसकी हानि भर दे।

14. 'If a man borrows anything of his neighbor, and it is hurt or dies, the owner not being with it, he shall make full restitution.

15. यदि उसका स्वामी संग हो, तो दूसरे को उसकी हानि भरना न पड़े; और यदि वह भाड़े का हो तो उसकी हानि उसके भाड़े में आ गई।।

15. If the owner was with it, he shall not make restitution; if it was hired, it came for its hire.

16. यदि कोई पुरूष किसी कन्या को जिसके ब्याह की बात न लगी हो फुसलाकर उसके संग कुकर्म करे, तो वह निश्चय उसका मोल देके उसे ब्याह ले।

16. 'If a man seduces a virgin who is not betrothed, and lies with her, he shall give the marriage present for her, and make her his wife.

17. परन्तु यदि उसका पिता उसे देने को बिल्कुल इनकार करे, तो कुकर्म करनेवाला कन्याओं के मोल की रीति के अनुसार रूपये तौल दे।।

17. If her father utterly refuses to give her to him, he shall pay money equivalent to the marriage present for virgins.

18. तू डाइन को जीवित रहने न देना।।

18. 'You shall not permit a sorceress to live.

19. जो कोई पशुगमन करे वह निश्चय मार डाला जाए।।

19. 'Whoever lies with a beast shall be put to death.

20. जो कोई यहोवा को छोड़ किसी और देवता के लिये बलि करे वह सत्यनाश किया जाए।

20. 'Whoever sacrifices to any god, save to the LORD only, shall be utterly destroyed.

21. और परदेशी को न सताना और न उस पर अन्धेर करना क्योंकि मि देश में तुम भी परदेशी थे।

21. 'You shall not wrong a stranger or oppress him, for you were strangers in the land of Egypt.

22. किसी विधवा वा अनाथ बालक को दु:ख न देना।

22. You shall not afflict any widow or orphan.

23. यदि तुम ऐसों को किसी प्रकार का दु:ख दो, और वे कुछ भी मेरी दोहाई दें, तो मैं निश्चय उनकी दोहाई सुनूंगा;

23. If you do afflict them, and they cry out to me, I will surely hear their cry;

24. तब मेरा क्रोध भड़केगा, और मैं तुम को तलवार से मरवाऊंगा, और तुम्हारी पत्नियां विधवा और तुम्हारे बालक अनाथ हो जाएंगे।।

24. and my wrath will burn, and I will kill you with the sword, and your wives shall become widows and your children fatherless.

25. यदि तू मेरी प्रजा में से किसी दीन को जो तेरे पास रहता हो रूपए का ऋण दे, तो उस से महाजन की नाई ब्याज न लेना।

25. 'If you lend money to any of my people with you who is poor, you shall not be to him as a creditor, and you shall not exact interest from him.

26. यदि तू कभी अपने भाईबन्धु के वस्त्रा को बन्धक करके रख भी ले, तो सूर्य के अस्त होने तक उसको लौटा देना;

26. If ever you take your neighbor's garment in pledge, you shall restore it to him before the sun goes down;

27. क्योंकि वह उसका एक ही ओढ़ना है, उसकी देह का वही अकेला वस्त्रा होगा फिर वह किसे ओढ़कर सोएगा? तोभी जब वह मेरी दोहाई देगा तब मैं उसकी सुनूंगा, क्योंकि मैं तो करूणामय हूं।।

27. for that is his only covering, it is his mantle for his body; in what else shall he sleep? And if he cries to me, I will hear, for I am compassionate.

28. परमेश्वर को श्राप न देना, और न अपने लोगों के प्रधान को श्राप देना।
प्रेरितों के काम 23:5

28. 'You shall not revile God, nor curse a ruler of your people.

29. अपने खेतों की उपज और फलों के रस में से कुछ मुझे देने में विलम्ब न करना। अपने बेटों में से पहिलौठे को मुझे देना।

29. 'You shall not delay to offer from the fulness of your harvest and from the outflow of your presses. 'The first-born of your sons you shall give to me.

30. वैसे ही अपनी गायों और भेड़- बकरियों के पहिलौठे भी देना; सात दिन तक तो बच्चा अपनी माता के संग रहे, और आठवें दिन तू उसे मुझे दे देना।

30. You shall do likewise with your oxen and with your sheep: seven days it shall be with its dam; on the eighth day you shall give it to me.

31. और तुम मेरे लिये पवित्रा मनुष्य बनना; इस कारण जो पशु मैदान में फाड़ा हुआ पड़ा मिले उसका मांस न खाना, उसको कुत्तों के आगे फेंक देना।।

31. 'You shall be men consecrated to me; therefore you shall not eat any flesh that is torn by beasts in the field; you shall cast it to the dogs.



Shortcut Links
निर्गमन - Exodus : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |