Exodus - निर्गमन 12 | View All

1. फिर यहोवा ने मि देश में मूसा और हारून से कहा,
मत्ती 26:2

1. And the Lord spoke to Moses and Aaron in the land of Egypt, saying,

2. कि यह महीना तुम लोगों के लिये आरम्भ का ठहरे; अर्थात् वर्ष का पहिला महीना यही ठहरे।

2. This month [shall be] to you the beginning of months: it is the first to you among the months of the year.

3. इस्राएल की सारी मण्डली से इस प्रकार कहो, कि इसी महीने के दसवें दिन को तुम अपने अपने पितरों के घरानों के अनुसार, घराने पीछे एक एक मेम्ना ले रखो।
1 कुरिन्थियों 5:8

3. Speak to all the congregation of the children of Israel, saying, On the tenth of this month let each man take for himself a lamb according to the houses of their families, every man a lamb for his household.

4. और यदि किसी के घराने में एक मेम्ने के खाने के लिये मनुष्य कम हों, तो वह अपने सब से निकट रहनेवाले पड़ोसी के साथ प्राणियों की गिनती के अनुसार एक मेम्ना ले रखे; और तुम हर एक के खाने के अनुसार मेम्ने का हिसाब करना।

4. And if there be few in a household, so that there are not enough for the lamb, he shall take with himself his neighbor that lives near to him, as to the number of persons, everyone according to each man's need you shall make a reckoning for the lamb.

5. तुम्हारा मेम्ना निर्दौष और पहिले वर्ष का नर हो, और उसे चाहे भेड़ों में से लेना चाहे बकरियों में से।

5. It shall be to you a lamb unblemished, a male of a year old. You shall take it from the lambs or from the goats.

6. और इस महीने के चौदहवें दिन तक उसे रख छोड़ना, और उस दिन गोधूलि के समय इस्राएल की सारी मण्डली के लोग उसे बलि करें।
मरकुस 14:12, लूका 22:7

6. And it shall be kept by you till the fourteenth of this month, and all the multitude of the congregation of the children of Israel shall kill it toward evening.

7. तब वे उसके लोहू में से कुछ लेकर जिन घरों में मेम्ने को खाएंगे उनके द्वार के दोनों अलंगों और चौखट के सिरे पर लगाएं।

7. And they shall take of the blood, and shall put it on the two doorposts, and on the lintel, in the houses wherever they shall eat them.

8. और वे उसके मांस को उसी रात आग में भूंजकर अखमीरी रोटी और कड़वे सागपात के साथ खाएं।
लूका 22:8

8. And they shall eat the flesh in this night roasted with fire, and they shall eat unleavened bread with bitter herbs.

9. उसको सिर, पैर, और अतड़ियों समेत आग में भूंजकर खाना, कच्चा वा जल में कुछ भी पकाकर न खाना।

9. You shall not eat of it raw nor boiled in water, but only roasted with fire, the head with its legs and its entrails.

10. और उस में से कुछ बिहान तक न रहने देना, और यदि कुछ बिहान तक रह भी जाए, तो उसे आग में जला देना।

10. Nothing shall be left of it till the morning, and a bone of it you shall not break; but that which is left of it till the morning you shall burn with fire.

11. और उसके खाने की यह विधि है; कि कमर बान्धे, पांव में जूती पहिने, और हाथ में लाठी लिए हुए उसे फुर्ती से खाना; वह तो यहोवा का पर्ब्ब होगा।
लूका 12:35

11. And thus shall you eat it: your loins girded, and your sandals on your feet, and your staff in your hand, and you shall eat it in haste. It is a Passover to the Lord.

12. क्योंकि उस रात को मैं मि देश के बीच में से होकर जाऊंगा, और मि देश के क्या मनुष्य क्या पशु, सब के पहिलौठों को मारूंगा; और मि के सारे देवताओं को भी मैं दण्ड दूंगा; मैं तो यहोवा हूं।

12. And I will go throughout the land of Egypt in that night, and I will smite every firstborn in the land of Egypt, both man and beast, and on all the gods of Egypt will I execute vengeance: I am the Lord.

13. और जिन घरों में तुम रहोगे उन पर वह लोहू तुम्हारे निमित्त चिन्ह ठहरेगा; अर्थात् मैं उस लोहू को देखकर तुम को छोड़ जाऊंगा, और जब मैं मि देश के लोगों को मारूंगा, तब वह विपत्ति तुम पर न पड़ेगी और तुम नाश न होगे।

13. And the blood shall be for a sign to you on the houses in which you are, and I will see the blood, and will protect you, and there shall not be on you the plague of destruction, when I smite in the land of Egypt.

14. और वह दिन तुम को स्मरण दिलानेवाला ठहरेगा, और तुम उसको यहोवा के लिये पर्ब्ब करके मानना; वह दिन तुम्हारी पीढ़ियों में सदा की विधि जानकर पर्ब्ब माना जाए।
लूका 22:7, मत्ती 26:17

14. And this day shall be to you a memorial, and you shall keep it a feast to the Lord through all your generations; you shall keep it a feast for a perpetual ordinance.

15. सात दिन तक अखमीरी रोटी खाया करना, उन में से पहिले ही दिन अपने अपने घर में से खमीर उठा डालना, वरन जो पहिले दिन से लेकर सातवें दिन तक कोई खमीरी वस्तु खाए, वह प्राणी इस्राएलियों में से नाश किया जाए।
मरकुस 14:12, लूका 22:7

15. Seven days you shall eat unleavened bread, and from the first day you shall utterly remove leaven from your houses: whoever shall eat leaven, that soul shall be utterly destroyed from Israel, from the first day until the seventh day.

16. और पहिले दिन एक पवित्रा सभा, और सातवें दिन भी एक पवित्रा सभा करना; उन दोनों दिनों मे कोई काम न किया जाए; केवल जिस प्राणी का जो खाना हो उसके काम करने की आज्ञा है।
लूका 23:56

16. And the first day shall be called holy, and the seventh day shall be a holy convocation to you. You shall do no servile work on them, only as many things as is necessary shall be done by every soul, this only shall be done by you.

17. इसलिये तुम बिना खमीर की रोटी का पर्ब्ब मानना, क्योंकि उसी दिन मानो मैं ने तुम को दल दल करके मि देश से निकाला है; इस कारण वह दिन तुम्हारी पीढ़ियों में सदा की विधि जानकर माना जाए।

17. And you shall keep this commandment, for on this day will I bring out your force out of the land of Egypt; and you shall make this day a perpetual ordinance for you throughout your generations.

18. पहिले महीने के चौदहवें दिन की सांझ से लेकर इक्कीसवें दिन की सांझ तक तुम अखमीरी रोटी खाया करना।

18. Beginning the fourteenth day of the first month, you shall eat unleavened bread from evening, till the twenty-first day of the month, till evening.

19. सात दिन तक तुम्हारे घरों में कुछ भी खमीर न रहे, वरन जो कोई किसी खमीरी वस्तु को खाए, चाहे वह देशी हो चाहे परदेशी, वह प्राणी इस्राएलियों की मण्डली से नाश किया जाए।

19. Seven days leaven shall not be found in your houses; whosoever shall eat anything leavened, that soul shall be cut off from the congregation of Israel, both among the occupiers of the land and the original inhabitants.

20. कोई खमीरी वस्तु न खाना; अपने सब घरों में बिना खमीर की रोटी खाया करना।।

20. You shall eat nothing leavened, but in every habitation of yours you shall eat unleavened bread.

21. तब मूसा ने इस्राएल के सब पुरनियों को बुलाकर कहा, तुम अपने अपने कुल के अनुसार एक एक मेम्ना अलग कर रखो, और फसह का पशु बलि करना।
1 कुरिन्थियों 5:7, इब्रानियों 11:28

21. And Moses called all the elders of the children of Israel, and said to them, Go away and take to yourselves a lamb according to your families, and slay the Passover [lamb].

22. और उसका लोहू जो तसले में होगा उस में जूफा का एक गुच्छा डुबाकर उसी तसले में के लोहू से द्वार के चौखट के सिरे और दोनों अलंगों पर कुछ लगाना; और भोर तक तुम में से कोई घर से बाहर न निकले।

22. And you shall take a bunch of hyssop, and having dipped it into some of the blood that is by the door, you shall touch the lintel, and [shall put it] upon both doorposts, even of the blood which is by the door; but none of you shall go out of the door of his house until morning.

23. क्योंकि यहोवा देश के बीच होकर मिस्त्रियों को मारता जाएगा; इसलिये जहां जहां वह चौखट के सिरे, और दोनों अलंगों पर उस लोहू को देखेगा, वहां वहां वह उस द्वार को छोड़ जाएगा, और नाश करनेवाले को तुम्हारे घरों में मारने के लिये न जाने देगा।

23. And the Lord shall pass by to smite the Egyptians, and shall see the blood upon the lintel, and upon the doorposts; and the Lord shall pass over the door, and shall not allow the destroyer to enter into your houses to kill you.

24. फिर तुम इस विधि को अपने और अपने वंश के लिये सदा की विधि जानकर माना करो।
लूका 2:41

24. And keep this thing as an ordinance for yourself and for your children forever.

25. जब तुम उस देश में जिसे यहोवा अपने कहने के अनुसार तुम को देगा प्रवेश करो, तब वह काम किया करना।

25. And if you should enter into the land which the Lord shall give you, as He has spoken, keep this service.

26. और जब तुम्हारे लड़केबाले तुम से पूछें, कि इस काम से तुम्हारा क्या मतलब है ?

26. And it shall come to pass, if your sons say to you, What is this service?

27. तब तुम उनको यह उत्तर देना, कि यहोवा ने जो मिस्त्रियों के मारने के समय मि में रहने वाले हम इस्राएलियों के घरों को छोड़कर हमारे घरों को बचाया, इसी कारण उसके फसह का यह बलिदान किया जाता है। तब लोगों ने सिर झुकाकर दण्डवत् की।

27. That you shall say to them, This Passover is a sacrifice to the Lord, as He defended the houses of the children of Israel in Egypt, when He struck the Egyptians, but delivered our houses.

28. और इस्राएलियों ने जाकर, जो आज्ञा यहोवा ने मूसा और हारून को दी थी, उसी के अनुसार किया।।

28. And the people bowed and worshipped. And the children of Israel departed and did as the Lord commanded Moses and Aaron, so did they.

29. और ऐसा हुआ कि आधी रात को यहोवा ने मि देश में सिंहासन पर विराजनेवाले फिरौन से लेकर गड़हे में पड़े हुए बन्धुए तक सब के पहिलौठों को, वरन पशुओं तक के सब पहिलौठों को मार डाला।

29. And it came to pass at midnight that the Lord struck all the firstborn in the land of Egypt, from the firstborn of Pharaoh that sat on the throne, to the firstborn of the captive in the dungeon, and the firstborn of all cattle.

30. और फिरौन रात ही को उठ बैठा, और उसके सब कर्मचारी, वरन सारे मिद्दी उठे; और मि में बड़ा हाहाकार मचा, क्योंकि एक भी ऐसा घर न था जिसमें कोई मरा न हो।

30. And Pharaoh rose up by night, and his servants, and all the Egyptians. And there was a great cry in all the land of Egypt, for there was not a house in which there was not one dead.

31. तब फिरौन ने रात ही रात में मूसा और हारून को बुलवाकर कहा, तुम इस्राएलियों समेत मेरी प्रजा के बीच से निकल जाओ; और अपने कहने के अनुसार जाकर यहोवा की उपासना करो।

31. And Pharaoh called Moses and Aaron by night, and said to them, Rise and depart from my people, both you and the children of Israel. Go and serve the Lord your God, even as you say.

32. अपने कहने के अनुसार अपनी भेड़- बकरियों और गाय- बैलों को साथ ले जाओ; और मुझे आशीर्वाद दे जाओ।

32. And take with you your sheep, and your oxen: bless me also, I pray you.

33. और मिद्दी जो कहते थे, कि हम तो सब मर मिटे हैं, उन्हों ने इस्राएली लोगों पर दबाव डालकर कहा, कि देश से झटपट निकल जाओ।

33. And the Egyptians constrained the people, so that they cast them out of the land with haste, for they said, We all shall die.

34. तब उन्हों ने अपने गून्धे गुन्धाए आटे को बिना खमीर दिए ही कठौतियों समेत कपड़ों में बान्धके अपने अपने कन्धे पर डाल लिया।

34. And the people took their dough before their meal was leavened, bound up as it was in their garments, on their shoulders.

35. और इस्राएलियों ने मूसा के कहने के अनुसार मिस्त्रियों से सोने चांदी के गहने और वस्त्रा मांग लिये।

35. And the children of Israel did as Moses commanded them, and they asked of the Egyptians articles of silver and gold and apparel.

36. और यहोवा ने मिस्त्रियों को अपनी प्रजा के लोगों पर ऐसा दयालु किया, कि उन्हों ने जो जो मांगा वह सब उनको दिया। इस प्रकार इस्राएलियों ने मिस्त्रियों को लूट लिया।।

36. And the Lord gave His people favor in the sight of the Egyptians, and they lent to them; and they plundered the Egyptians.

37. तब इस्राएली रामसेस से कूच करके सुक्कोत को चले, और बालबच्चों को छोड़ वे कोई छ: लाख पुरूष प्यादे थे।

37. And the children Israel departed from Rameses to Succoth, [to the full number of] six hundred thousand footmen, even men, besides the baggage.

38. और उनके साथ मिली जुली हुई एक भीड़ गई, और भेड़- बकरी, गाय- बैल, बहुत से पशु भी साथ गए।

38. And a great mixed [company] went up with them, and sheep and oxen and very much cattle.

39. और जो गून्धा आटा वे मि से साथ ले गए उसकी उन्हों ने बिना खमीर दिए रोटियां बनाई; क्योंकि वे मि से ऐसे बरबस निकाले गए, कि उन्हें अवसर भी न मिला की मार्ग में खाने के लिये कुछ पका सकें, इसी कारण वह गून्धा हुआ आटा बिना खमीर का था।

39. And they baked the dough which they brought out of Egypt, unleavened cakes, for it had not been leavened; for the Egyptians cast them out, and they could not remain, neither did they prepare provision for themselves for the journey.

40. मि में बसे हुए इस्राएलियों को चार सौ तीस वर्ष बीत गए थे।
गलातियों 3:17

40. And the sojourning of the children of Israel, while they sojourned in the land of Egypt and the land of Canaan, was four hundred and thirty years.

41. और उन चार सौ तीस वर्षों के बीतने पर, ठीक उसी दिन, यहोवा की सारी सेना मि देश से निकल गई।

41. And it came to pass after the four hundred and thirty years, all the forces of the Lord came forth out of the land of Egypt by night.

42. यहोवा इस्राएलियों को मि देश से निकाल लाया, इस कारण वह रात उसके निमित्त मानने के अति योग्य है; यह यहोवा की वही रात है जिसका पीढ़ी पीढ़ी में मानना इस्राएलियों के लिये अति अवश्य है।।

42. It is a watch kept to the Lord, so that He should bring them out of the land of Egypt; that very night is a watch kept to the Lord, so that it should be to all the children of Israel to their generations.

43. फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, पर्ब्ब की विधि यह है; कि कोई परदेशी उस में से न खाए;

43. And the Lord said to Moses and Aaron, This is the law of the Passover: no stranger shall eat of it.

44. पर जो किसी का मोल लिया हुआ दास हो, और तुम लोगों ने उसका खतना किया हो, वह तो उस में से खा सकेगा।

44. And every slave or servant bought with money- him you shall circumcise, and then shall he eat of it.

45. पर परदेशी और मजदूर उस में से न खाएं।

45. A sojourner or hireling shall not eat of it.

46. उसका खाना एक ही घर में हो; अर्थात् तुम उसके मांस में से कुछ घर से बाहर न ले जाना; और बलिपशु की कोई हड्डी न तोड़ना।
यूहन्ना 19:36

46. In one house shall it be eaten, and you shall not carry of the flesh out from the house; and a bone of it you shall not break.

47. पर्ब्ब को मानना इस्राएल की सारी मण्डली का कर्तव्य कर्म है।

47. All the congregation of the children of Israel shall keep it.

48. और यदि कोई परदेशी तुम लोगों के संग रहकर यहोवा के लिये पर्ब्ब को मानना चाहे, तो वह अपने यहां के सब पुरूषों का खतना कराए, तब वह समीप आकर उसको माने; और वह देशी मनुष्य के तुल्य ठहरेगा। पर कोई खतनारहित पुरूष उस में से न खाने पाए।

48. And if any proselyte shall come to you to keep the Passover to the Lord, you shall circumcise every male of him, and then shall he approach to sacrifice it, and he shall be even as the original inhabitant of the land; no uncircumcised person shall eat of it.

49. उसकी व्यवस्था देशी और तुम्हारे बीच में रहनेवाले परदेशी दोनों के लिये एक ही हो।

49. There shall be one law to the native, and to the proselyte coming among you.

50. यह आज्ञा जो यहोवा ने मूसा और हारून को दी उसके अनुसार सारे इस्राएलियों ने किया।

50. And the children of Israel did as the Lord commanded Moses and Aaron for them, so they did.

51. और ठीक उसी दिन यहोवा इस्राएलियों को मि देश से दल दल करके निकाल ले गया।।
प्रेरितों के काम 13:17, इब्रानियों 11:27, यहूदा 1:5

51. And it came to pass in that day that the Lord brought out the children of Israel from the land of Egypt with their forces.



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