Psalms - भजन संहिता 79 | View All

1. हे परमेश्वर अन्यजातियां तेरे निज भग में घुस आई; उन्हों ने तेेरे पवित्रा मन्दिर को अशुठ्ठ किया; और यरूशलेम को खंडहर कर दिया है।

लूका 21:24 वे तलवार के कौर हो जाएंगे, और सब देशों के लोगों में बन्धुए होकर पहुंचाए जाएंगे, और जब तक अन्य जातियों का समय पूरा न हो, तब तक यरूशलेम अन्य जातियों से रौंदा जाएगा।

प्रकाशितवाक्य 11:2 और मन्दिर के बारह का आंगन छोड़ दे; उस मत नाप, क्योंकि वह अन्यजातियों को दिया गया है, और वे पवित्रा नगर को बयालीस महीने तक रौंदेंगी।

2. उन्हों ने तेरे दासों की लोथों को आकाश के पक्षियों का आहार कर दिया, और तेरे भक्तों का मांस वनपशुओें को खिला दिया है।

3. उन्हों ने उनका लोहू यरूशलेम के चारों ओर जल की नाई बहाया, और उनको मिट्टी देनेवाला कोई न था।

प्रकाशितवाक्य 16:6 क्योंकि उन्हों ने पवित्रा लोगों, और भविष्यद्वक्ताओं को लोहू बहाया था, और तू ने उन्हें लोहू पिलाया; क्योंकि वे इसी योग्य हैं।

4. पड़ोसियों के बीच हमारी नामधराई हुई; चारों ओर के रहनेवाले हम पर हंसते, और ठट्ठा करते हैं।।

5. हे यहोवा, तू कब तक लगातार क्रोध करता रहेगा? तुझ में आग की सी जलन कब तक भड़कती रहेगी?

6. जो जातियां तुझ को नहीं जानती, और जिन राज्यों के लोग तुझ से प्रार्थना नहीं करते, उन्ही पर अपनी सब जलजलाहट भड़का!

1 थिस्सलुनीकियों 4:5 और यह काम अभिलाषा से नहीं, और न उन जातियों की नाई, जो परमेश्वर को नहीं जानतीं।

2 थिस्सलुनीकियों 1:8 और जो परमेश्वर को नहीं पहचानते, और हमारे प्रभु यीशु के सुसमाचार को नहीं मानते उन से पलटा लेगा।

प्रकाशितवाक्य 16:1 फिर मैं ने मन्दिर में किसी को ऊंचे शब्द से उन सातों स्वर्गदूतों से यह कहते सुना कि जाओ, परमेश्वर के प्रकोप के सातों कटोरों को पृथ्वी पर उंडेल दो।।

7. क्योंकि उन्हों ने याकूब को निगल लिया, और उसके वासस्थान को उजाड़ दिया है।

8. हमारी हानि के लिये हमारे पुरखाओं के अधर्म के कामों को स्मरण न कर; तेरी दया हम पर शीघ्र हो, क्योंकि हम बड़ी दुर्दशा में पड़े हैं।

9. हे हमारे उठ्ठारकर्त्ता परमेश्वर, अपने नाम की महिमा के निमित हमारी सहायता कर; और अपने नाम के निमित हम को छुड़ाकर हमारे पापों को ढांप दे।

10. अनयजातियां क्यों कहने पाएं कि उनका परमेश्वर कहां रहा? अन्यजातियों के बीच तेरे दासों के खून का पलटा लेना हमारे देखते उन्हें मालूम हो जाए।।

प्रकाशितवाक्य 6:10 और उन्हों ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा; हे स्वामी, हे पवित्रा, और सत्य; तू कब तक न्याय न करेगा? और पृथ्वी के रहनेवालों से हमारे लोहू का पलटा कब तक न लेगा?

प्रकाशितवाक्य 19:2 क्योंकि उसके निर्णय सच्चे और ठीक हैं, इसलिये कि उस ने उस बड़ी वेश्या का जो अपने व्यभिचार से पृथ्वी को भ्रष्ट करती थी, न्याय किया, और उस से अपने दासों के लोहू का पलटा लिया है।

11. बन्धुओं का कराहना तेरे कान तक पहुंचे; घात होनेवालों को अपने भुजबल के द्वारा बचा।

12. और हे प्रभु, हमारे पड़ोसियों ने जो तेरी निन्दा की है, उसका सातगुणा बदला उनको दे!

13. तब हम जो तेरी प्रजा और तेरी चराई की भेड़ें हैं, तेरा धन्यवाद सदा करते रहेंगे; और पीढ़ी से पीढ़ी तक तेरा गुणानुवाद करते रहेंगें।।



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