Psalms - भजन संहिता 2 | View All

1. जाति जाति के लोग क्यों हुल्लड़ मचाते हैं, और देश देश के लोग व्यर्थ बातें क्यों सोच रहे हैं?
प्रकाशितवाक्य 11:18, प्रेरितों के काम 4:25-26

1. Why are the nations in an uproar And the peoples devising a vain thing?

2. यहोवा के और उसके अभिषिक्त के विरूद्ध पृथ्वी के राजा मिलकर, और हाकिम आपस में सम्मति करके कहते हैं, कि
प्रकाशितवाक्य 19:19, प्रकाशितवाक्य 6:15, प्रकाशितवाक्य 7:18, प्रकाशितवाक्य 11:18, प्रेरितों के काम 4:25-26

2. The kings of the earth take their stand And the rulers take counsel together Against the LORD and against His Anointed, saying,

3. आओ, हम उनके बन्धन तोड़ डालें, और उनकी रस्सियों को अपने ऊपर से उतार फेंके।।

3. 'Let us tear their fetters apart And cast away their cords from us!'

4. वह जो स्वर्ग में विराजमान है, हंसेगा, प्रभु उनको ठट्ठों में उड़ाएगा।

4. He who sits in the heavens laughs, The Lord scoffs at them.

5. तब वह उन से क्रोध करके बातें करेगा, और क्रोध में कहकर उन्हें घबरा देगा, कि

5. Then He will speak to them in His anger And terrify them in His fury, saying,

6. मैं तो अपने ठहराए हुए राजा को अपने पवित्रा पर्वत सिरयोन की राजगद्दी पर बैठा चुका हूं।

6. 'But as for Me, I have installed My King Upon Zion, My holy mountain.'

7. मैं उस वचन का प्रचार करूंगा: जो यहोवा ने मुझ से कहा, तू मेरा पुत्रा है, आज तू मुझ से उत्पन्न हुआ।
मत्ती 3:17, मत्ती 17:5, मरकुस 1:11, मरकुस 9:7, लूका 3:22, लूका 9:35, यूहन्ना 1:49, प्रेरितों के काम 13:33, इब्रानियों 1:5, इब्रानियों 5:5, इब्रानियों 7:28, 2 पतरस 1:17

7. 'I will surely tell of the decree of the LORD: He said to Me, 'You are My Son, Today I have begotten You.

8. मुझ से मांग, और मैं जाति जाति के लोगों को तेरी सम्पत्ति होने के लिये, और दूर दूर के देशों को तेरी निज भूमि बनने के लिये दे दूंगा।
इब्रानियों 1:2, प्रकाशितवाक्य 2:26-27, प्रकाशितवाक्य 19:15

8. 'Ask of Me, and I will surely give the nations as Your inheritance, And the [very] ends of the earth as Your possession.

9. तू उन्हें लोहे के डण्डे से टुकड़े टुकड़े करेगा। तू कुम्हार के बर्तन की नाईं उन्हें चकना चूर कर डालेगा।।
प्रकाशितवाक्य 12:5, प्रकाशितवाक्य 2:26-27, प्रकाशितवाक्य 19:15

9. 'You shall break them with a rod of iron, You shall shatter them like earthenware.''

10. इसलिये अब, हे राजाओं, बुद्धिमान बनो; हे पृथ्वी के न्यायियों, यह उपदेश ग्रहण करो।

10. Now therefore, O kings, show discernment; Take warning, O judges of the earth.

11. डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और कांपते हुए मगन हो।
फिलिप्पियों 2:12

11. Worship the LORD with reverence And rejoice with trembling.

12. पुत्रा को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ; क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है।। धन्य है वे जिनका भरोसा उस पर है।।

12. Do homage to the Son, that He not become angry, and you perish [in] the way, For His wrath may soon be kindled. How blessed are all who take refuge in Him!



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