Ezra - एज्रा 9 | View All

1. तब ये काम हो चुके, तब हाकिम मेरे पास आकर कहने लगे, न तो इस्राएली लोग, न याजक, न लेवीय इस ओर के देशों के लोगों से अलग हुए; वरन उनके से, अर्थात् कनानियों, हित्तियों, परिज्जियों, यबूसियों, अम्मोनियों, मोआबियों, मिस्रियों और एमोरियों के से घिनौने काम करते हैं।
यूहन्ना 4:9

1. After all this had been done, some of the leaders of the people of Israel came and told me that the people, the priests, and the Levites had not kept themselves separate from the people in the neighboring countries of Ammon, Moab, and Egypt or from the Canaanites, Hittites, Perizzites, Jebusites, and Amorites. They were doing the same disgusting things which these people did.

2. क्योंकि उन्हों ने उनकी बेटियों में से अपने और अपने बेटों के लिये स्त्रियां कर ली हैं; और पवित्रा वंश इस ओर के देशों के लोगों में मिल गया है। वरन हाकिम और सरदार इस विश्वासघात में मुख्य हुए हैं।

2. Jewish men were marrying foreign women, and so God's holy people had become contaminated. The leaders and officials were the chief offenders.

3. यह बात सुनकर मैं ने अपने वस्त्रा और बागे को फाड़ा, और अपने सिर और दाढ़ी के बाल नोचे, और विस्मित होकर बैठा रहा।
मत्ती 26:65

3. When I heard this, I tore my clothes in despair, tore my hair and my beard, and sat down crushed with grief.

4. तब जितने लोग इस्राएल के परमेश्वर के वचन सुनकर बन्धुआई से आए हुए लोगों के विश्वासघात के कारण थरथराते थे, सब मेरे पास इकट्ठे हुए, और मैं सांझ की भेंट के समय तक विस्मित होकर बैठा रहा।

4. I sat there grieving until the time for the evening sacrifice to be offered, and people began to gather around me---all those who were frightened because of what the God of Israel had said about the sins of those who had returned from exile.

5. परन्तु सांझ की भेंट के समय मैं वस्त्रा और बागा फाड़े हुए उपवास की दशा में उठा, फिर घुटनों के बल झुका, और अपने हाथ अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फैलाकर कहा,

5. When the time came for the evening sacrifice, I got up from where I had been grieving, and still wearing my torn clothes, I knelt in prayer and stretched out my hands to the LORD my God.

6. हे मेरे परमेश्वर ! मुझे तेरी ओर अपना मुंह उठाते लाज आती है, और हे मेरे परमेश्वर ! मेरा मुंह काला है; क्योंकि हम लोगों के अधर्म के काम हमारे सिर पर बढ़ गए हैं, और हमारा दोष बढते आकाश तक पहुंचा है
लूका 21:24

6. I said, 'O God, I am too ashamed to raise my head in your presence. Our sins pile up higher than our heads; they reach as high as the heavens.

7. अपने पुरखाओं के दिनों से लेकर आज के दिन तक हम बड़े दोषी हैं, और अपने अधर्म के कामों के कारण हम अपने राजाओं और याजकों समेत देश देश के राजाओं के हाथ में किए गए कि तलवार, बन्धुआई, लूटे जाने, और मुंह काला हो जाने की विपत्तियों में पड़ें जैसे कि आज हमारी दशा है।

7. From the days of our ancestors until now, we, your people, have sinned greatly. Because of our sins we, our kings, and our priests have fallen into the hands of foreign kings, and we have been slaughtered, robbed, and carried away as prisoners. We have been totally disgraced, as we still are today.

8. और अब थोड़े दिन से हमारे परमेश्वर यहोवा का अनुग्रह हम पर हुआ है, कि हम में से कोई कोई बच निकले, और हम को उसके पवित्रा स्थान में एक खूंटी मिले, और हमारा परमेश्वर हमारी आंखों में जयोति आने दे, और दासत्व में हम को कुछ विश्रान्ति मिले।

8. Now for a short time, O LORD our God, you have been gracious to us and have let some of us escape from slavery and live in safety in this holy place. You have let us escape from slavery and have given us new life.

9. हम दास तो हैं ही, परन्तु हमारे दासत्व में हमारे परमेश्वर ने हम को नहीं छोड़ दिया, बरन फारस के राजाओं को हम पर ऐसे कृपालु किया, कि हम नया जीवन पाकर अपने परमेश्वर के भवन को उठाने, और इसके खंडहरों को सुधारने पाए, और हमें यहूदा और यरूशलेम में आड़ मिली।

9. We were slaves, but you did not leave us in slavery. You made the emperors of Persia favor us and permit us to go on living and to rebuild your Temple, which was in ruins, and to find safety here in Judah and Jerusalem.

10. और अब हे हमारे परमेश्वर इसके बाद हम क्या कहें, यही कि हम ने तेरी उन आज्ञाओं को तोड़ दिया है,

10. 'But now, O God, what can we say after all that has happened? We have again disobeyed the commands

11. जो तू ने यह कहकर अपने दास नबियों के द्वारा दीं, कि जिस देश के अधिकारी होने को तुम जाने पर हो, वह तो देश देश के लोगों की अशुठ्ठता के कारण और उनके घिनौने कामों के कारण अशुठ्ठ देश है, अन्हों ने उसे एक सिवाने से दूसरे सिवाने तक अपनी अशुठ्ठता से भर दिया है।

11. that you gave us through your servants, the prophets. They told us that the land we were going to occupy was an impure land because the people who lived in it filled it from one end to the other with disgusting, filthy actions.

12. इसलिये अब तू न तो अपनी बेठियां उनके बेटों को ब्याह देना और न उनकी बेटियों से अपने बेटों का ब्याह करना, और न कभी उनका कुशल क्षेेम चाहना, इसलिये कि तुम बलवान बनो और उस देश के अच्छे अच्छे पदार्थ खाने पाओ, और उसे ऐसा छोड़ जाओ, कि वह तुम्हारे वंश के अधिकार में सदैव बना रहे।

12. They told us that we were never to intermarry with those people and never to help them prosper or succeed if we wanted to enjoy the land and pass it on to our descendants forever.

13. और उस सब के बाद जो हमारे बुरे कामों और बड़े दोष के कारण हम पर बीता है, जब कि हे हमारे परमेश्वर तू ने हमारे अधर्म के बराबर हमें दणड नहीं दिया, वरन हम में से कितनों को बचा रखा है,

13. Even after everything that has happened to us in punishment for our sins and wrongs, we know that you, our God, have punished us less than we deserve and have allowed us to survive.

14. तो क्या हम तेरी आज्ञाओं को फिर से उल्लंघन करके इन घिनौने काम करनेवाले लोगों से समधियाना का सम्बन्ध करें? क्या तू हम पर यहां तक कोप न करेगा लिस से हम मिट जाएं और न तो कोई बचे और न कोई रह जाए?

14. Then how can we ignore your commandments again and intermarry with these wicked people? If we do, you will be so angry that you will destroy us completely and let no one survive.

15. हे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ! तू तो धम है, हम बचकर मुक्त हुए हैं जैसे कि आज वर्तमान हैं। देख, हम तेरे साम्हने दोषी हैं, इस कारण कोई तेरे साम्हने खड़ा नहीं रह सकता।

15. LORD God of Israel, you are just, but you have let us survive. We confess our guilt to you; we have no right to come into your presence.'



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