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1. दाऊद राजा बूढ़ा वरन बहुत पुरनिया हुआ; और यद्यपि उसको कपड़े ओढ़ाये जाते थे, तौभी वह गर्म न होता था।
1. দায়ূদ রাজা বৃদ্ধ ও গতবয়স্ক হইয়াছিলেন; এবং লোকেরা তাঁহার গাত্রে অনেক বস্ত্র দিলেও তাহা উষ্ণ হইত না।
2. सो उसके कर्मचारियों ने उस से कहा, हमारे प्रभु राजा के लिये कोई जवान कुंवारी ढूंढ़ी जाए, जो राजा के सम्मुख रहकर उसकी सेवा किया करे और तेरे पास लेटा करे, कि हमारे प्रभु राजा को गम पहुंचे।
2. এই জন্য তাঁহার দাসগণ তাঁহাকে কহিল, আমাদের প্রভু মহারাজের নিমিত্ত একটী যুবতী কুমারীর অন্বেষণ করা যাউক; সে মহারাজের সম্মুখে দাঁড়াইয়া তাঁহার শুশ্রূষা করুক; এবং আমাদের প্রভু মহারাজের গাত্র যেন উষ্ণ হয়, তজ্জন্য আপনার বক্ষঃস্থলে শয়ন করুক।
3. तब उन्हों ने समस्त इस्राएली देश में सुन्दर कुंवारी ढूंढ़ते ढूंढ़ते अबीशग नाम एक शूनेमिन को पाया, और राजा के पास ले आए।
3. পরে লোকেরা ইস্রায়েলের সমস্ত অঞ্চলে সুন্দরী যুবতীর অন্বেষণ করিল, ও শূনেমীয়া অবীশগকে পাইয়া রাজার নিকটে আনিল।
4. वह कन्या बहुत ही सुन्दर थी; और वह राजा की दासी होकर उसकी सेवा करती रही; परन्तु राजा उस से सहबास न हुआ।
4. সেই যুবতী অতি সুন্দরী ছিল, আর সে রাজার শুশ্রূষা ও তাঁহার পরিচর্য্যা করিত, কিন্তু রাজা তাহার পরিচয় লইলেন না।
5. तब हग्गीत का पुत्रा अदोनिरयाह सिर ऊंचा करके कहने लगा कि मैं राजा हूंगा; सो उस ने रथ और सवार और अपने आगे आगे दौड़ने को पचास पुरूष रख लिए।
5. আর হগীতের পুত্র আদোনিয়, আমিই রাজা হইব, বলিয়া বড়াই করিতে লাগিল, এবং আপনার নিমিত্ত রথ, অশ্বারোহী ও আপনার অগ্রে অগ্রে দৌড়িবার জন্য পঞ্চাশ জন লোক প্রস্তুত করিল।
6. उसके पिता ने तो जन्म से लेकर उसे कभी यह कहकर उदास न किया था कि तू ने ऐसा क्यों किया। वह बहुत रूपवान था, और अबशालोम के पीछे उसका जन्म हुआ था।
6. তাহার পিতা কোন সময়ে তাহাকে এ কথা বলিয়া অসন্তুষ্ট করেন নাই যে, তুমি কেন এমন করিয়াছ? এবং সেও পরম সুন্দর পুরুষ ছিল; আর অবশালোমের পরে তাহার জন্ম হয়।
7. और उस ने सरूयाह के पुत्रा योआब से और एब्यातार याजक से बातचीत की, और उन्हों ने उसके पीछे होकर उसकी सहायता की।
7. সে সরূয়ার পুত্র যোয়াবের ও অবিয়াথর যাজকের সহিত পরামর্শ করিল; আর তাঁহারা আদোনিয়ের অনুগামী হইয়া তাহার সাহায্য করিলেন।
8. परन्तु सादोक याजक यहोयादा का पुत्रा बनायाह, नातान नबी, शिमी रेई, और दाऊद के शूरवीरों ने अदोनिरयाह का साथ न दिया।
8. কিন্তু সাদোক যাজক, যিহোয়াদার পুত্র বনায়, নাথন ভাববাদী, শিমিয়ি, রেয়ি ও দায়ূদের বীরগণ আদোনিয়ের পক্ষে হন নাই।
9. और अदोनिरयाह ने जोहेलेत नाम पत्थ्र के पास जो एनरोगेल के निकट है, भेड़- बैल और तैयार किए हुए पशू बलि किए, और अपने भाई सब राजकुमारों को, और राजा के सब यहूदी कर्मचारियों को बुला लिया।
9. পরে আদোনিয় ঐন্-রোগেলের পার্শ্বস্থ সোহেলৎ প্রস্তরের নিকটে অনেক মেষ, বৃষ ও হৃষ্টপুষ্ট গোবৎস বলিদান করিল, এবং আপনার ভ্রাতৃগণ সমস্ত রাজপুত্রকে ও রাজার দাস যিহূদার সমস্ত লোককে নিমন্ত্রণ করিল;
10. परन्तु नातान नबी, और बनायाह और शूरवीरों को और अपने भाई सुलैमान को उस ने न बुलाया।
10. কিন্তু নাথন ভাববাদীকে, বনায়কে, বীরগণকে ও আপন ভ্রাতা শলোমনকে নিমন্ত্রণ করিল না।
11. तब नातान ने सुलैमान की माता बतशेबा से कहा, क्या तू ने सुना है कि हग्गीत का पुत्रा अदोनिरयाह राजा बन बैठा है और हमारा प्रभु दाऊद हसे नहीं जानता?
11. তখন নাথন শলোমনের মাতা বৎশেবাকে কহিলেন, আপনি কি শুনেন নাই যে, হগীতের পুত্র আদোনিয় রাজত্ব করিতেছে, আর আমাদের প্রভু দায়ূদ রাজা তাহা জানেন না?
12. इसलिये अब आ, मैं तुझे ऐसी सम्मति देता हूँ, जिस से तू अपना और अपने पुत्रा सुलैमान का प्राण बचाए।
12. এক্ষণে আইসুন, বিনয় করি, আমি আপনাকে পরামর্শ দিই, যেন আপনি নিজের প্রাণ ও আপন পুত্র শলোমনের প্রাণ বাঁচাইতে পারেন।
13. तू दाऊद राजा के पास जाकर, उस से यों पूछ, कि हे मेरे प्रभु ! हे राजा ! क्या तू ने शपथ खाकर अपनी दासी से नहीं कहा, कि तेरा पुत्रा सुलैमान मेरे पीछे राजा होगा, और वह मेरी राजगद्दी पर विराजेगा? फिर अदोनिरयाह क्यों राजा बन बैठा है?
13. চলুন, দায়ূদ রাজার নিকটে গিয়া তাঁহাকে বলুন, হে আমার প্রভু মহারাজ, আপনি কি শপথ করিয়া আপন দাসীকে বলেন নাই, আমার পরে তোমার পুত্র শলোমন রাজত্ব করিবে, সেই আমার সিংহাসনে বসিবে?
14. और जब तू वहां राजा से ऐसी बातें करती रहेगी, तब मैं तेरे पीछे आकर, तेरी बातों को पुष्ट करूंगा।
14. তবে আদোনিয় রাজত্ব করে কেন? দেখুন, সেই স্থানে রাজার সঙ্গে আপনার কথা শেষ না হইতে হইতে আমিও আপনার পশ্চাতে আসিয়া আপনার কথার পোষকতা করিব।
15. तब बतशेबा राजा के पास कोठरी में गई; राजा तो बहुत बूढ़ा था, और उसकी सेवा टहल शूनेमिन अबीशग करती थी।
15. পরে বৎশেবা অন্তরাগারে রাজার নিকটে গেলেন; তৎকালে রাজা অতি বৃদ্ধ হইয়াছিলেন, এবং শূনেমীয়া অবীশগ রাজার পরিচর্য্যা করিতেছিল।
16. और बतशेबा ने झुककर राजा को दणडवत् की, और राजा ने पूछा, तू क्या चाहती है?
16. তখন বৎশেবা মস্তক নমন করিয়া রাজার কাছে প্রণিপাত করিলেন।
17. उस ने उत्तर दिया, हे मेरे प्रभु, तू ने तो अपने परमेश्वर यहोवा की शपथ खाकर अपनी दासी से कहा था कि तेरा पुत्रा सुलैमान मेरे पीछे राजा होगा और वह मेरी गद्दी पर विराजेगा।
17. রাজা জিজ্ঞাসা করিলেন, তোমার বাঞ্ছা কি? তিনি কহিলেন, হে আমার প্রভু, আপনি আপন ঈশ্বর সদাপ্রভুর নামে শপথ করিয়া আপন দাসীকে বলিয়াছিলেন, ‘আমার পরে তোমার পুত্র শলোমন রাজত্ব করিবে, সেই আমার সিংহাসনে বসিবে’।
18. अब देख अदोनिरयाह राजा बन बैठा है, और अब तक मेरा प्रभु राजा इसे नहीं जानता।
18. কিন্তু এখন, দেখুন, আদোনিয় রাজত্ব করিতেছে, আর হে আমার প্রভু মহারাজ, আপনি তাহা জানেন না।
19. और उस ने बहुत से बैल तैयार किए, पशु और भेड़ें बलि कीं, और सब राजकुमारों की और एब्यातार याजक और योआब सेनापति को बुलाया है, परन्तु तेरे दास सुलैमान को नहीं बुलाया।
19. সে বিস্তর বৃষ, হৃষ্টপুষ্ট গোবৎস ও মেষ বলিদান করিয়া সমস্ত রাজপুত্রকে, অবিয়াথর যাজককে ও যোয়াব সেনাপতিকে নিমন্ত্রণ করিয়াছে, কিন্তু আপনার দাস শলোমনকে নিমন্ত্রণ করে নাই।
20. और हे मेरे प्रभु ! जे राजा ! सब इसाएली तुझे ताक रहे हैं कि तू उन से कहे, कि हमारे प्रभु राजा की गद्दी पर उसके पीछे कौन बैठेगा।
20. হে আমার প্রভু মহারাজ, সমস্ত ইস্রায়েলের দৃষ্টি আপনারই উপরে আছে, আপনার পরে আমার প্রভু মহারাজের সিংহাসনে কে বসিবে, তাহা আপনি লোকদিগকে জ্ঞাত করুন;
21. नहीं तो जब हमारा प्रभु राजा, अपने पुरखाओं के संग सोएगा, तब मैं और मेरा पुत्रा सुलैमान दोनों अपराधी गिने जाएंगे।
21. নতুবা আমার প্রভু মহারাজ পিতৃলোকদের সহিত নিদ্রাগত হইলে আমি ও আমার পুত্র শলোমন অপরাধী গণিত হইব।
22. यों बतशेबा राजा से बातें कर ही रही थी, कि नातान नबी भी आ गया।
22. আর দেখ, তিনি রাজার সহিত কথা কহিতেছেন, ইতিমধ্যে নাথন ভাববাদী আসিলেন।
23. और राजा से कहा गया कि नातान नबी हाज़िर है; तब वह राजा के सम्मुख आया, और मुह के बल गिरकर राजा को दणडवत् की।
23. তখন কেহ রাজাকে কহিল, দেখুন, নাথন ভাববাদী। পরে নাথন রাজার সম্মুখে আসিয়া ভূমিতে উবুড় হইয়া রাজার সম্মুখে প্রণিপাত করিলেন।
24. और नातान कहने लगा, हे मेरे पभु, हे राजा ! क्या तू ने कहा है, कि अदोनिरयाह मेरे पीछे राजा होगा और वह मेरी गद्दी पर विराजेगा?
24. আর নাথন কহিলেন, হে আমার প্রভু মহারাজ, আপনি কি এমন কথা বলিয়াছেন যে, আমার পরে আদোনিয় রাজত্ব করিবে, ও আমার সিংহাসনে সেই বসিবে?
25. देख उस ने आज नीचे जाकर बहुत से बैल, तैयार किए हुए पशु और भेड़ें बलि की हैं, और सब राजकुमारों और सेनापतियों को और एब्यातार याजक को भी बुलालिया है; और वे उसके सम्मुख खाते पीते हुए कह रहे हैं कि अदोनिरयाह राजा जीवित रहे।
25. সে ত আজই গিয়া বিস্তর বৃষ, হৃষ্টপুষ্ট গোবৎস ও মেষ বলিদান করিয়া সমস্ত রাজপুত্রকে, সেনাপতিগণকে ও অবিয়াথর যাজককে নিমন্ত্রণ করিয়াছে; আর দেখুন, তাহারা তাহার সাক্ষাতে ভোজন পান করিতেছে, ও বলিতেছে, রাজা আদোনিয় চিরজীবী হউন।
26. परन्तु मुझ तेरे दास को, और सादोक याजक और यहोयादा के पुत्रा बनायाह, और तेरे दास सुलैमान को उस ने नहीं बुलाया।
26. কিন্তু আপনার দাস যে আমি, আমাকে ও সাদোক যাজককে এবং যিহোয়াদার পুত্র বনায়কে ও আপনার দাস শলোমনকে সে নিমন্ত্রণ করে নাই।
27. क्या यह मेरे प्रभु राजा की ओर से हुआ? तू ने तो अपने दास को यह नहीं जताया है, कि प्रभु राजा की गद्दी पर कौन उसके पीछे विराजेगा।
27. এ কর্ম্ম কি আমার প্রভু মহারাজের আদেশে হইয়াছে? আর আমার প্রভু মহারাজের পরে কে আপনার সিংহাসনে বসিবে, তাহা আপনার দাসদিগকে জ্ঞাত করেন নাই?
28. दाऊद राजा ने कहा, बतशेबा को मेरे पास बुला लाओ। तब वह राजा के पास आकर उसके साम्हने खड़ी हुई।
28. তখন দায়ূদ রাজা উত্তর করিলেন, বৎশেবাকে আমার নিকটে ডাকিয়া আন। তিনি রাজার নিকটে আসিয়া রাজার সম্মুখে দাঁড়াইলেন।
29. राजा ने शपथ खाकर कहा, यहोवा जो मेरा प्राण सब जोखिमों से बचाता आया है,
29. রাজা শপথ করিয়া কহিলেন, যিনি সমস্ত সঙ্কট হইতে আমার প্রাণ মুক্ত করিয়াছেন, সেই জীবিত সদাপ্রভুর দিব্য,
30. उसके जीवन की शपथ, जैसा मैं ने तुझ से इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की शपथ खाकर कहा था, कि तेरा पुत्रा सुलैमान मेरे पीछे राजा होगा, और वह मेरे बदले मेरी गद्दी पर विराजेगा, वैसा ही मैं निश्चय आज के दिन करूंगा।
30. আমার পরে তোমার পুত্র শলোমন রাজত্ব করিবে, সেই আমার পদে আমার সিংহাসনে বসিবে, তোমার নিকটে আমি ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভুর নাম লইয়া এই যে শপথ করিয়াছি, অদ্যই তদনুরূপ কর্ম্ম করিব।
31. तब बतशेबा ने भूमि पर मुंह के बल गिर राजा को दणडवत् करके कहा, मेरा प्रभु राजा दाऊद सदा तक जीवित रहे !
31. তখন বৎশেবা মস্তক নমন করিয়া, ভূমিতে মুখ দিয়া, রাজার কাছে প্রণিপাত করিয়া কহিলেন, আমার প্রভু দায়ূদ রাজা নিত্যজীবী হউন।
32. तब दाऊद राजा ने कहा, मेरे पास सादोक याजक नातान नबी, अहोयादा के पुत्रा बनायाह को बुला लाओ। सो वे राजा के साम्हने आए।
32. পরে দায়ূদ রাজা কহিলেন, সাদোক যাজককে, নাথন ভাববাদীকে ও যিহোয়াদার পুত্র বনায়কে আমার কাছে ডাকিয়া আন। তাঁহারা রাজার সম্মুখে আসিলেন।
33. राजा ने उन से कहा, अपने प्रभु के कर्मचारियो को साथ लेकर मेरे पुत्रा सुलैमान को मेरे निज खच्चर पर चढ़ाओ; और गीहोन को ले जाओ;
33. রাজা তাঁহাদিগকে কহিলেন, তোমরা আপন প্রভুর দাসগণকে সঙ্গে লইয়া আমার পুত্র শলোমনকে আমার নিজের অশ্বতরে আরোহন করাইয়া গীহোনে নামিয়া যাও।
34. और वहां सादोक याजक और नातान नबी इस्राएल का राजा होने को उसका अभिषेक करें; तुब तुम सब नरसिंगा फूंककर कहना, राजा सुलैमान जीवित रहे।
34. সেই স্থানে সাদোক যাজক ও নাথন ভাববাদী তাহাকে ইস্রায়েলের উপরে রাজপথে অভিষেক করুন, এবং তোমরা সকলে তূরী বাজাইয়া বল, রাজা শলোমন চিরজীবী হউন।
35. और तुम उसके पीछे पीछे इधर आना, और वह अकर मेरे सिंहासन पर विराजे, क्योंकि मेरे बदले में वही राजा होगा; और उसी को मैं ने इस्राएल और यहूदा का प्रधान होने को ठहराया है।
35. পরে তাহার পশ্চাতে পশ্চাতে উঠিয়া আইস; সে আসিয়া আমার সিংহাসনে বসিবে, কেননা সে আমার পদে রাজা হইবে; আমি ইস্রায়েলের ও যিহূদার উপরে তাহাকে নায়ক করিয়া নিযুক্ত করিলাম।
36. तब यहोयादा के पुत्रा बनायाह ने कहा, आमीन ! मेरे प्रभु राजा का परमेश्वर यहोवा भी ऐसा ही कहे।
36. তাহাতে যিহোয়াদার পুত্র বনায় রাজাকে উত্তর করিলেন, বলিলেন, আমেন, আমার প্রভু মহারাজের ঈশ্বর সদাপ্রভুও ইহাই বলুন।
37. जिस रीति यहोवा मेरे प्रभु राजा के संग रहा, उसी रीति वह सुलैमान के भी संग रहे, और उसका राज्य मेरे प्रभु दाऊद राजा के राज्य से भी अधिक बढ़ाए।
37. সদাপ্রভু যেমন আমার প্রভু মহারাজের সহবর্ত্তী থাকিয়া আসিয়াছেন, তেমনি শলোমনের সহবর্ত্তী থাকুন, এবং আমার প্রভু দায়ূদ রাজার সিংহাসন হইতে তাঁহার সিংহাসন বড় করুন।
38. तब सादोक याजक और नातान नबी और यहोयादा का पुत्रा बनायाह करेतियों और पलेतियों को संग लिए हुए नीचे गए, और सुलैमान को राजा दाऊद के खच्चर पर चढ़ाकर गीहोन को ले चले।
38. তখন সাদোক যাজক, নাথন ভাববাদী, যিহোয়াদার পুত্র বনায়, এবং করেথীয় ও পলেথীয়গণ গিয়া দায়ূদ রাজার অশ্বতরে শলোমনকে আরোহণ করাইয়া গীহোনে লইয়া গেলেন।
39. तब सादोक याजक ने यहोवा के तम्बू में से तेल भरा हुआ सींग निकाला, और सुलैमान का राज्याभिषेक किया। और वे नरसिंगे फूंकने लगे; और सब लोग बोल उठे, राजा सुलैमान जीविन रहे।
39. পরে সাদোক যাজক [পবিত্র] তাম্বুর মধ্য হইতে তৈলের শৃঙ্গটী লইয়া শলোমনকে অভিষেক করিলেন; আর তূরী বাজাইলে সমস্ত লোক কহিল, রাজা শলোমন চিরজীবী হউন।
40. तब सब लोग उसके पीछे पीछे बांसुली बजाते और इतना बड़ा आनन्द करते हुए ऊपर गए, कि उनकी ध्वनि से पृथ्वी डोल उठी।
40. আর সমস্ত লোক তাঁহার পশ্চাতে পশ্চাতে উঠিয়া আসিল, এবং জনসমূহ এমন বংশীবাদ্য ও মহাহর্ষনাদ করিল যে, তাহার শব্দে পৃথিবী বিদীর্ণ হইল।
41. जब अदोनिरयाह और उसके सब नेवतहरी खा चुके थे, तब यह ध्वनि उनको सुनाई पड़ी। और योआब ने नरसिंगे का शब्द सुनकर पूछा, नगर में हलचल और चिल्लाहट का शब्द क्यों हो रहा है?
41. তখন আদোনিয় ও তাহার সঙ্গী নিমন্ত্রিত লোকেরা ভোজন সাঙ্গ করিবামাত্র সেই ধ্বনি শুনিল। আর যোয়াব তূরীধ্বনি শুনিয়া কহিলেন, নগরে এত কলরব কেন হইতেছে? তিনি এই কথা কহিতেছেন,
42. वह यह कहता ही था, कि एब्यातार याजक का पुत्रा योनातन आया और अदोनिरयाह ने उस से कहा, भीतर आ; तू तो भला मनुष्य है, और भला समाचार भी लाया होगा।
42. এমন সময়ে দেখ, অবিয়াথর যাজকের পুত্র যোনাথন উপস্থিত হইল। আদোনিয় কহিল, আইস, তুমি ভদ্রলোক, সুসংবাদ আনিতেছ।
43. योनातन ने अदोनिरयाह से कहा, सचमुच हमारे प्रभु राजा दाऊद ने सुलैमान को राजा बना दिया।
43. যোনাথন উত্তর করিয়া আদোনিয়কে কহিল, সত্যই আমাদের প্রভু দায়ূদ রাজা শলোমনকে রাজপদে নিযুক্ত করিয়াছেন; রাজা সাদোক যাজককে,
44. और राजा ने सादोक याजक, नातान नबी और यहोयादा के पुत्रा बनायाह और करेतियों और पलेतियों को उसके संग भेज दिया, और उन्हों ने उसको राजा के खच्चर पर चढ़ाया है।
44. নাথন ভাববাদীকে ও যিহোয়াদার পুত্র বনায়কে এবং করেথীয় ও পলেথীয়দিগকে তাঁহার সঙ্গে প্রেরণ করিয়াছেন; আর তাঁহারা তাঁহাকে রাজার অশ্বতরে আরোহণ করাইলেন;
45. और सादोक याजक, और नातान नबी ने गीहोन में उसका राज्याभिषेक किया है; और वे वहां से ऐसा आनन्द करते हुए ऊपर गए हैं कि नगर में हलचल मच गई, और जो शब्द तुम को सुनाई पड़ रहा है वही है।
45. আর সাদোক যাজক ও নাথন ভাববাদী তাঁহাকে গীহোনে রাজপদে অভিষেক করিয়াছেন; এবং তাঁহারা তথা হইতে এমন আনন্দ করিতে করিতে আসিয়াছেন যে, নগর প্রতিধ্বনিত হইয়া উঠিয়াছে; তোমরা যে ধ্বনি শুনিলে, এ সেই ধ্বনি।
46. सुलैमान राजगद्दी पर विराज भी रहा है।
46. আর শলোমন রাজ্যের সিংহাসনেও বসিয়াছেন।
47. फिर राजा के कर्मचारी हमारे प्रभु दाऊद राजा को यह कहकर धन्य कहने आए, कि तेरा परमेश्वर, सुलैमान का नाम, तेरे नाम से भी महान करे, और उसका राज्य तेरे राज्य से भी अधिक बढ़ाए; और राजा ने अपने पलंग पर दणडवत् की।
47. অধিকন্তু রাজার দাসগণ আসিয়া আমাদের প্রভু দায়ূদ রাজাকে এই বলিয়া আশীর্ব্বাদ করিয়াছে, আপনার ঈশ্বর শলোমনের নাম আপনার নাম হইতেও শ্রেষ্ঠ করুন, ও তাঁহার সিংহাসন আপনার সিংহাসন হইতেও মহৎ করুন; তখন রাজা শয্যার উপরে প্রণিপাত করিলেন।
48. फिर राजा ने यह भी कहा, कि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा धन्य है, जिस ने आज मेरे देखते एक को मेरी गद्दी पर विराजमान किया है।
48. আরও রাজা এই কথা কহিলেন, ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভু ধন্য, তিনি অদ্য আমার সিংহাসনে বসিবার জন্য এক ব্যক্তিকে দিলেন, এবং আমার নেত্রযুগল তাহা দেখিল।
49. तब जितने नेवतहरी अदोनिरयाह के संग थे वे सब थरथरा गए, और उठकर अपना अपना मार्ग लिया।
49. তখন আদোনিয়ের সঙ্গী নিমন্ত্রিত লোকেরা সকলে ভীত হইয়া প্রত্যেক জন উঠিয়া আপন আপন পথে চলিয়া গেল।
50. और अदोनिरयाह सुलैमान से डर कर अठा, और जाकर वेदी के सींगों को पकड़ लिया।
50. আর আদোনিয় শলোমন হইতে ভীত হইল, এবং উঠিয়া গিয়া যজ্ঞবেদির শৃঙ্গ অবলম্বন করিল।
51. तब सुलैमान को यह समाचार मिला कि अदोनिरयाह सुलैमान राजा से ऐसा डर गया है कि उस ने वेदी के सींगों को यह कहकर पकड़ लिया है, कि आज राजा सुलैमान शपथ खाए कि अपने दास को तलवार से न मार डालेगा।
51. পরে শলোমনের নিকটে কেহ এই কথা কহিল, দেখুন, আদোনিয় শলোমন রাজা হইতে ভীত হইয়াছে, কেননা দেখ, সে যজ্ঞবেদির শৃঙ্গ অবলম্বন করিয়াছে, বলিতেছে, শলোমন রাজা আপনার দাসকে খড়্গ দ্বারা বধ করিবেন না, আমার নিকটে অদ্য এই দিব্য করুন।
52. सुलैमान ने कहा, यदि वह भलमनसी दिखाए तो उसका एक बाल भी भूमि पर गिरने न पाएगा, परन्तु यदि उस में दुष्टता पाई जाए, तो वह मारा जाएगा।
52. তাহাতে শলোমন কহিলেন, যদি সে আপনাকে ভদ্রলোক দেখায়, তবে তাহার এক কেশও ভূমিতে পতিত হইবে না; কিন্তু যদি তাহার মধ্যে দুষ্টতা পাওয়া যায়, তবে সে মারা পড়িবে।
53. तब राजा सुलैमान ने लोगों को भेज दिया जो उसको वेदी के पास से उतार ले आए तब उस ने आकर राजा सुलैमान को दणडवत् की और सुलैेमान ने उस से कहा, अपने घर चला जा।
53. পরে শলোমন রাজা লোক প্রেরণ করিলে তাহারা তাহাকে বেদি হইতে নামাইয়া আনিল; তাহাতে সে আসিয়া শলোমন রাজার কাছে প্রণিপাত করিল, এবং শলোমন তাহাকে কহিলেন, তোমার ঘরে যাও।