37. निष्पाप तो कोई मनुष्य नहीं है, यदि वे भी तेरे विरूद्ध पाप करें और तू उन पर कोप करके उन्हें शत्रुओं के हाथ कर दे, और वे उन्हेें बन्धुआ करके किसी देश को, चाहे वह दूर हो, चाहे निकट, ले जाएं,
37. yet if they shall bethink themselves, in the land whither they are carried captive, and turn again, and make supplication unto thee in the land of their captivity, saying, We have sinned, we have done perversely, and have dealt wickedly;